Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां सरकारी दफ्तरों में भी डेंगू की दहशत, व्यवस्थाएं प्रभावित; जानिए

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sat, 21 Sep 2019 03:03 PM (IST)

    डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। आम ही नहीं बल्कि खास भी इस बीमारी की चपेट में हैं।

    यहां सरकारी दफ्तरों में भी डेंगू की दहशत, व्यवस्थाएं प्रभावित; जानिए

    देहरादून, जेएनएन। धीरे-धीरे मौसम में ठंडक आने लगी है। बावजूद इसके डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। आम ही नहीं बल्कि खास भी इस बीमारी की चपेट में हैं। बात राजधानी की ही करें तो यहां पर गली-मोहल्लों से लेकर पॉश कॉलोनियों तक में डेंगू का डंक गहरा रहा है। यही नहीं तमाम स्कूल-कॉलेज, शिक्षण संस्थान, सरकारी विभाग और प्राइवेट दफ्तर भी डेंगू की जद में आने से बच नहीं पा रहे हैं। पुलिस महकमा हो या फिर कॉलेज, इन सभी जगह अधिकारी-कर्मचारी डेंगू की गिरफ्त में हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक व स्टाफ भी डेंगू से नहीं बच सका है। इससे उन कर्मियों में भी दहशत बनी हुई है जो अब तक डेंगू की चपेट में आने से बचे हुए हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खास बात यह कि कार्मिकों के डेंगू की चपेट में आने से व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। क्योंकि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को डेंगू का डंक लगा है, वह घर पर आराम कर रहे हैं। अस्पतालों में स्टाफ की कमी और डेंगू की दहशत का एक उदाहरण दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी दिखा। दरअसल, नर्सेज एसोसिएशन की एक पदाधिकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा से मिली और उन्हें पत्र सौंपा। जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि अस्पताल में तैनात 22 से अधिक कर्मियों को डेंगू हुआ है। इसलिए वह उपचार करा रहे हैं, या घर पर आराम कर रहे हैं।

    ऐसे में अन्य कर्मचारियों पर कार्य का बोझ कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वार्ड बंद करने की नौबत तक आ सकती है। वहीं चिकित्सा अधीक्षक ने सहयोग की अपेक्षा करते हुए भरोसा दिया कि वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। ताकि स्टाफ पर भी कार्य का बोझ ना पड़े और मरीजों को भी उपचार मिलता रहे। वहीं, डीएवी पीजी कॉलेज में भी अब तक पंद्रह प्राध्यापक डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। 

    डेंगू रोकने को लाइनों की लीकेज बंद कर रहा जल संस्थान 

    जल संस्थान के अधिकारी-कर्मचारियों के डेंगू की चपेट में आने के बाद विभाग की नींद टूटी है। आला अधिकारियों ने साफ पानी में पनपने वाले डेंगू की रोकथाम के लिए पेयजल लाइनों की लीकेज बंद करने के निर्देश दिए हैं। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। इधर पेयजल लाइनों में लीकेज से जगह-जगह साफ पानी भर जाता है। इससे डेंगू पनपने और बीमारी बढ़ने का खतरा बना रहता है। 

    यह भी पढ़ें: डेंगू की संदिग्ध युवती की मौत, प्रदेश में 188 और मरीजों को लगा डंक 

    देहरादून में बढ़ते प्रकोप पर राजभवन ने इस मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद जल संस्थान को भी लीकेज बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रबंधन ने देहरादून उत्तर, दक्षिण, पित्थूवाला और रायपुर डिवीजन में पेयजल लाइनों के लीकेज की मरम्मत के निर्देश दिए हैं। साथ ही नलकूप आदि ऐसे स्थान जहां डेंगू मच्छर पनपने का खतरा है, वहां सफाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसी के साथ लाइनों की मरम्मत शुरू हो गई है। महाप्रबंधक एचके पांडे ने बताया कि सभी दफ्तरों में फॉगिंग और लीकेज रोकने का काम हो रहा है। 

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मौसम के बदलते रुख के बाद भी मच्छर बलवान, पढ़िए पूरी खबर